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रक्षक (भाग : 23)

रक्षक भाग : 23





रक्षक क्रोध से भर चुका था। उसकी लाल आँखे भयानक लग रही थी।  उसके दोनों हाथों में तलवारें आ चुकी थी। वो बढ़ चला अपनी ओर आ रहे अंधेरे के कब्जे में उजाले के सैनिको की तरफ। धीरे धीरे वो अदृश्य घेरा भी छोटा होता जा रहा था।  जिसे रक्षक अब स्पष्टतः देख पा रहा था। क्रोध के कारण रक्षक अपने ही साथियो को मार डालने के लिए आगे बढ़ गया।


वहां विचित्र ठहाके का स्वर गूंज रहा था।  इसका मतलब तो स्पष्ट ही था कि कोई उसकी हालत देख रहा है और उसपर हंस भी रहा है, यानी निगरानी करने वाला यही कही पास में ही है, रक्षक के मन में एक पल को ऐसा ख्याल आया। वो दोनों हाथों से तलवारों को नचाने लगा। तेज़ गति से नचाने के कारण तलवारे चक्र की भांति घूम रही थी, जिससे अब रक्षक को देख पाना मुश्किल हो।रहा था, रक्षक अपनी पूरी गति से दौड़ता हुआ उजाले के सैनिको की ओर बढ़ा, लेकिन उन्हें क्षति पहुँचे इससे पूर्व ही वह वापस उसी दिशा में मुड़ गया। तलवारों की गति बहुत तेज़ थी। रक्षक भी क्रोध में दहक रहा था। उसकी गति अत्यधिक तीव्र थी।  उस अदृश्य दीवार से टकराते ही तलवारों ने उसे काट दिया। और हल्का कट लगने के बाद रक्षक ने उसे अपने हाथों से फाड़ दिया और बाहर निकल आया। अब उसके सभी सैनिक साथी ठीक हो चुके थे और अपने किये पर पछतावा कर रहे थे। अब 4J भी आ जाते हैं, जो समझाते है की वे सब अपने वश में नही थे इसलिये ये उनकी अपनी गलती नही है। 4J बताते हैं कि उन्होंने बाहर से उस अदृश्य दीवार को तोड़ना चाहा पर बहुत कोशिशों के बाद भी वो इसमें नाकामयाब रहे।

रक्षक उड़ता हुआ हवा में एक जगह स्थिर होकर चारो तरफ ध्यान से देखने लगा, और फिर एक तरफ तेज़ी से बढ़ चला, फोर जे बाकी सभी सैनिको की देखभाल और चिकित्सा करने लगे।

"तो आखिर तुम्हे पता चल ही गया।" - उसी दिशा से स्वर उभरा।

"तुम अंधेरे जीवो की ये आदत कब जाएगी अंधेरे के बे…." - रक्षक बोलते बोलते चौंक गया। वह तमस नही बल्कि क्रुक था, अनेकोनेक प्राणियों का सम्मिश्रण प्रतीत होता था यह जीव, हाथियों से भी विशाल, सिंह से भी आक्रमक, सर्प से भी जहरीला, हज़ारो जानवरो के गुण रखने वाला, मानसिक, शारीरिक और तामसिक शक्तियों का धारक क्रुक जो स्वयं तमस एव तमस वाहन है, क्रुक की गति वायु से हजार गुनी तेज़ है और इन्हें ब्रह्मांड की हर भाषा तेज़ी से सीखने की क्षमता होती है।

"न न न अभी महान तमस नही आये हैं, पहले उनके सेवक क्रुक से तो निपट लो।" - कहते हुए क्रुक ने रक्षक पर मानसिक प्रहार किया, जिससे रक्षक जमीन पर आ गिरा।

"तुम अपनी सेवानिधि पर कुछ अधिक उछल  रहे हो क्रुक! अँधेरा कभी किसी का अपना नही हो सकता।" - रक्षक कहते हुए उसपर तेज़ी से उड़कर झपट पड़ा, पर क्रुक उसकी अपेक्षाओं से कही अधिक ताकतवर और फुर्तीला निकला।

"तुम्हें क्या लगता है रक्षक! अंधेरी दुनिया के सबसे दुर्लभ जीव से जीतना इतना सरल होगा।" - क्रुक बोला, उसकी तामसिक शक्तियां अपने उच्चतम शिखर पर थी। रक्षक एक काले गोले में कैद हो गया, जहां उसे विचित्र दृश्य दिखने लगे।

"तुम किसे बचाना चाहते हो रक्षक! किसके रक्षक हो तुम, सच तो ये है कि तुम खुद को भी नही बचा सकते, तुम स्वयं नही जानते कि तुम्हे करना क्या है, तुम्हे नही पता कि तुम क्या कर रहे हो और तुम यह भी नही जानते कि तुम कौन हो!?" - रक्षक के मस्तिष्क में अदृश्य स्वर गूंजा। उसके सामने का दृश्य अत्यंत भयावह था, उसके सामने जेन्डोर ग्रह टूट रहा था, लाखो निर्दोष जेन्डोर प्राणी घुट घुटकर मर रहे थे, किसी की अधजली मृत देह पडी  हुई थी तो कोई अधजला शरीर जलता हुआ लिए भाग रहा था। चारो तरफ त्राहि त्राहि मची हुई थी, कोई भी योद्धा उसे नज़र नही आ रहा था, और उस विनाश का कारण था रक्षक! 

"उफ्फ्फ नही…." - जोर से चीखा रक्षक। "बंद करो यह सब।" रक्षक खुद को विनाशक के रूप में देखकर कांप उठा। 
"लेकिन यह सब दृष्टिभ्रम है, मुझे ये तोड़ना होगा, ये मेरे मस्तिष्क से खेल रहे हैं मुझे अपनी शक्तियों को जागृत करना ही होगा।" -  रक्षक अपने मन मे विचार करता है, वह अपनी समस्त मानसिक शक्तियों को स्थिर कर ध्यान करने का प्रयास करता है पर उसके सामने का दृश्य और भयावह होता चला गया, रक्षक बिल्कुल काले रंग का दिख रहा था, उसके हाथों में थमी तलवार भी काली थी, लोगो की चीखें बढ़ती गयी, रक्षक का अपने ध्यान पर एकाग्रचित्तता बढ़ती रही, उसका शरीर पसीने से नहा चुका था, जब उसकी आंख खुली तो यह सब दृश्य नष्ट हो चुका था, क्रुक अपने स्थान पर छटपटा रहा था, उसने अपनी मानसिक शक्ति का बड़ी मात्रा में प्रयोग किया पर रक्षक द्वारा उसका मानसिक दृश्य खंडित हो जाने के कारण उसके मस्तिष्क पर भी आघात हुआ था। रक्षक उठते हुए क्रुक के पास गया और अपने दोनों हाथों से उठाकर उसे धरती पर पटक दिया।

"कहिये महाशक्तिशाली क्रुक जी! अब क्या विचार हैं आपके!" - कहते हुए रक्षक उसके चारों तरफ बी शक्ति द्वारा एक पिंजरा बना देता है, जिसे कमज़ोर क्रुक लाख कोशिशों के बाद भी नही तोड़ पाता।


"उफ्फ्फ…! कैसे-कैसे जानवर पाल रखे हैं इसे अंधेरे के बेटे ने। कुछ के नाम तो पहली बार सुनने को मिल रहा है।" - रक्षक अपने मन मे विचार करता है और क्रुक को उसी कैदखाने में छोड़ फोर जे और बाकी सैनिकों के पास उनका स्वास्थ्य जानने के लिए चला जाता है।

"कमाल है, बड़ा जल्दी निपट लिए! संयुक्त होने के बाद रक्षक इतना ताकतवर हो जाता है क्या जय!" - जैक रक्षक की तारीफ करते हुए जय से पूछता है।

"हमे रक्षक की वास्तविक शक्ति का अंदाज़ा भी नही है जैक!" जय, जैक से बोला। "फिलहाल हम ये जानना चाहेंगे कि ये विचित्र जानवर है कौन, इसने रक्षक के साथ हमे भी उलझाए रखा।

"इस क्रुक कहते हैं जय, इसकी ताक़त का अंदाज़ा तुम इससे लगा सकते हो कि ये रक्षक के मस्तिष्क से खेल रहा था" - यूनिक बोला। "तमसा के पास जो जानवर है उसे भी क्रुक प्रजाति का ही कहा जाता है, क्रुक इस विशाल ब्रह्मांड में इक्के दुक्के ही मिलते हैं, क्रुक में खास बात यह होती है कि उनके पास मानसिक और शारीरिक बल बहुत अधिक होता है पर इसके पास मानसिक, तामसिक, यौगिक और विखंडित की शक्तियां हैं क्योंकि ये सदियों पुराना और अंधेरे का क्रुक है।" - यूनिक बोला


"क्या यौगिक और विखंडन की शक्ति!?" - रक्षक चौंका और उड़ते हुए उस दिशा की ओर बढ़ा जहाँ उसने क्रुक को कैद किया था, लेकिन वहां उसके बी शक्ति से बना पिंजरा खाली पड़ा हुआ था।


"तुम्हे क्या लगता है कि तुम मामूली सी मात देकर क्रुक को हरा सकते हो?" - अचानक क्रुक सामने प्रकट हुआ और रक्षक को जोरदार टक्कर मारी जिससे रक्षक अपनी सेना के शिविर के पीछे जा गिरा, रक्षक इस हमले के लिए तैयार नही था और क्रुक की शक्तियां रक्षक के अनुमान की अपेक्षा और अधिक थी।

फोर जे अपना अस्त्र शस्त्र लेकर तैयार हो गए, लेकिन उनसे पहले वहां यूनिक कूद पड़ा, वह भी अब एक विशाल जानवर का रूप धारण कर चुका था, उसके शरीर पर लाइव मेटल के लंबे काटें थे जो प्रतिपल नये स्थान पर उगते और जिस स्थान पर आक्रमण की संभावना होती वहां सुरक्षा कवच बना लेते।

यूनिक तेज़ी से दौड़ता हुआ क्रुक से जा भिड़ा, टक्कर खाकर क्रुक एक कदम पीछे हटा और यूनिक को जोर की टक्कर मारी, पर यह उसकी गलती ही साबित हुई क्योंकि जैसे ही वो, यूनिक को टक्कर मारने वाला था वहां लम्बा नुकीला कांटा उग गया, जो क्रुक के माथे में धंस गया।

यूनिक, क्रुक को बराबर की टक्कर दे रहा था, उसकी मानसिक शक्तियों का जवाब अपनी यांत्रिक शक्तियों से बखूबी दे रहा था, रक्षक को भी यूनिक की शक्तियों के बारे में जानने की जिज्ञासा थी  इसलिए वह बीच मे नही कूदा। यह लड़ाई थोड़ी और लंबी चलती पर क्रुक मानसिक के साथ तामसिक और विखंडित शक्तियों का भी स्वामी था, उसके विखण्डन शक्ति के प्रयोग से यूनिक का हर एक अंग हवा में उड़ गया, फोर जे या किसी अन्य को ऐसी आशंका नही थी, पर यूनिक का हर एक अंग धरती पर छितराया हुआ पड़ा था।

रक्षक यह देखकर हैरान रह गया, उसने तेज़ी से दौड़ते हुए क्रुक पर घुसो की बरसात कर दी। क्रुक लगातार दो-तीन बार अपनी शक्तियों का बहुत अधिक उपयोग करके कमज़ोर हो चुका था, रक्षक के शक्तिशाली घुसे उसके जबड़े तोड़ने के लिए काफी थे, रक्षक आज बहुत गुस्से में था, उसने आज अपनी आँखों के सामने बहुत कुछ देखा, जिसे देखकर किसी कमज़ोर दिलवाले का दिल धड़कना छोड़ देता।

रक्षक की आंखे एक बार फिर लाल हो चुकी थी, उसका क्रोध बढ़ता जा रहा था उसके साथ ही क्रुक पर किये जाने वाले वारो में शक्ति भी, वह उसे मार मार कर बेदम कर चुका था। रक्षक उसके सिंग को पकड़कर तोड़ देता है, उसका मुँह अपने हाथों से पकड़कर चीरने ही वाला था कि क्रुक गायब हो गया।

"बच्चो से क्या लड़ते हो बच्चे…!" - आसमान से एक स्वर गूंजा, नीला आकाश अब काला हो चुका था मनहूसियत प्रतिपल बढ़ती जा रही थी।


क्रमशः.....


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4 Comments

Niraj Pandey

08-Oct-2021 04:18 PM

वाह बहुत खूब

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Thank you

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Seema Priyadarshini sahay

05-Oct-2021 12:22 PM

बहुत सुंदर

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Thanks

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